प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की 2 सितंबर को बैठक हुई। वहीं बैठक के बाद कृषि से जुड़े प्रस्तावों की मंजूरी की केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा जानकारी दी गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के किसानों की आय और उनकी जिंदगियों को सुधारने के लिए कैबिनेट की तरफ से 7 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। जिसका देशभर के सभी किसानों को लाभ मिलेगा. यह कार्यक्रम डिजिटल कृषि मिशन, फसल विज्ञान इत्यादि शामिल है.
केंद्र सरकार की तरफ से किसानों के लिए सप्ताह का पहला दिन तोहफा लेकर आया है. किसानों को बड़े स्तर पर फायदा देने वाली सात योजनाओं को मंजूरी दी गई है. विस्तार से चर्चा करें तो मंत्रिमंडल द्वारा एग्रीकल्चर सेक्टर से जुड़े 7 बड़े कार्यक्रमों के लिए लगभग 14 हजार करोड रुपए के खर्च को मंजूरी दी गई है. पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की मीटिंग में फैसला इन कार्यक्रमों की मंजूरी देने का फैसला किया गया है. इसमें इसमें फसल विज्ञान, मिशन डिजिटल, कृषि जैसी लाभकारी योजनाएं भी शामिल है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल में लिए गए फैसलों की जानकारी मीडिया को दी.
कृषि सेक्टर में इन सात कार्यक्रमों के लिए 13960 करोड रुपए से ज्यादा का आवंटन किया गया है. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, ‘ आज सोमवार को कैबिनेट मीटिंग में किसानों के जीवन को और ज्यादा सुविधाजनक और बेहतर बनाने के लिए एवं आय में इजाफा करने के लिए सात बड़े फैसले केंद्र सरकार द्वारा लिए गए हैं. इसमें डिजिटल कृषि मिशन जो खेती के लिए डिजिटल सार्वजनिक संरचना की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है. आई नजर डालें सात कार्यक्रमों पर,
कृषि शिक्षा, प्रबंधन और सामाजिक विज्ञान को मजबूत करना: कुल 2,291 करोड़ रुपये के बजट के साथ इस योजना का उद्देश्य कृषि अनुसंधान और शिक्षा को आधुनिक बनाना है। यह योजना नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है और इसमें AI, बिग डेटा और डिजिटल DPI सहित नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें प्राकृतिक खेती और जलवायु रिजिलेंस को भी शामिल किया जाएगा।
बागवानी का सतत विकास: 860 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ, इस योजना का उद्देश्य बागवानी के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाना है। इसमें उष्णकटिबंधीय, उपोष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण फसलों के साथ-साथ जड़, कंद, बल्बनुमा, सब्जी, फूलों की खेती और औषधीय पौधों सहित कई तरह की फसलें शामिल हैं।
सतत पशुधन स्वास्थ्य और उत्पादन: 1,702 करोड़ रुपये के बजट वाली इस योजना का उद्देश्य बेहतर पशुधन और डेयरी उत्पादन के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाना है। इसमें पशु स्वास्थ्य प्रबंधन, पशु चिकित्सा शिक्षा, डेयरी उत्पादन तकनीक और पशु आनुवंशिक संसाधन प्रबंधन शामिल हैं।
डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन: 2,817 करोड़ रुपये के बजट के साथ, इस मिशन का उद्देश्य किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना है। यह योजना दो आधारभूत स्तंभों- एग्री स्टैक और कृषि निर्णय सहायता प्रणाली पर आधारित है। इसमें एआई, बिग डेटा और सेटेलाइट डेटा जैसी उन्नत तकनीकें शामिल हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को पेश बजट में कृषि के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की घोषणा की थी।
खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए फसल विज्ञान: 3,979 करोड़ रुपये के आवंटन वाली इस योजना का लक्ष्य किसानों को जलवायु-अनुकूल खेती और देश को 2027 तक खाद्य सुरक्षा के लिए तैयार करना है। इस योजना के छह स्तंभों में अनुसंधान और शिक्षा, आनुवंशिक सुधार, दलहन व तिलहन फसलों में सुधार के साथ ही कीटों, सूक्ष्म जीवों और परागणकों पर अनुसंधान शामिल हैं।
प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन: 1,115 करोड़ रुपये के बजट के साथ, यह योजना दीर्घकालिक कृषि उत्पादकता सुनिश्चित करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों के सतत प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करती है।
कृषि विज्ञान केंद्रों को मजबूत बनाना: कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) में सुधार के लिए 1,202 करोड़ रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी गई है। ये केंद्र किसानों को कृषि तकनीक हस्तांतरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।