बजट 2025-26 में किसानों के लिए नई योजनाएं. वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र सरकार की प्राथमिकता है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार आठवीं बार केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया, विपक्ष के महाकुंभ भगदड़ को लेकर हंगामे के बावजूद वित्त मंत्री ने बजट पेश करना जारी रखा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 में कृषि क्षेत्र के लिए 1.27 लाख करोड़ का आवंटन किया है हालाँकि कृषि के कुल आवंटन में 2.5% की कमी आई है। उन्होंने कृषि क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं।
केंद्रीय बजट 2025 में कृषि, ग्रामीण विकास, रोजगार और आर्थिक विकास को प्राथमिकता दी गई है। कृषि आय को बढ़ावा देने, छोटे उद्योगों को समर्थन देने और बुनियादी ढांचे में सुधार करने के उद्देश्य से बनाई गई नीतियों के साथ, भारत सरकार की आर्थिक प्रगति और आत्मनिर्भरता को मजबूती पर जोर दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट विकास, वृद्धि और मध्यम वर्ग को मजबूत करने के लिए समर्पित है। भारत इस सदी के 25 साल पूरे कर रहा है और विकसित राष्ट्र का विजन प्रगति को गति दे रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।उन्होंने कहा आज के बजट में 10 व्यापक क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया गया है जिसमें सबसे पहला नंबर है कृषि क्षेत्र।
प्रधानमंत्री धन–धान्य कृषि योजना– यह योजना राज्यों की भागीदारी के साथ शुरू की जाएगी। इसके अंतर्गत कम उत्पादकता वाले 100 जिलों को शामिल किया गया है। इन जिलों में कृषि उत्पादक बढ़ाने फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाया जाएगा, पंचायत और ब्लॉक स्तर पर फसल कटाई के बाद भंडारण को बढ़ाया जाएगा, सिंचाई सुविधा में सुधार होगा और दीर्घकालिक कालीन और अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता को सुगम बनाया जाएगा। धन-धान्य कृषि योजना में 1.7 करोड़ किसान शामिल होंगे, इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों के लिए पर्याप्त अवसर पैदा करना है।
दालों में आत्मनिर्भरता – वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए राष्ट्रीय खाद्य तिलहन मिशन को लागू कर रहा है। उन्होंने कहा “हमारी सरकार उड़द, तुअर और मसूर पर ध्यान केंद्रित करते हुए दालों में आत्मनिर्भरता मिशन के तहत 6 साल का कार्यक्रम शुरू करेगी”। इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा कि आय के स्तर में वृद्धि के साथ-साथ फलों की खपत भी बढ़ रही है, इसलिए राज्यों के सहयोग से किसानों का पारिश्रमिक भी बढ़ेगा।
बिहार पर विशेष ध्यान देते हुए उन्होंने कहा राज्य में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी, बोर्ड मखाना किसानों को प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करेगा। बिहार में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फूड टेक्नोलॉजी एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट Niftem बनाया जाएगा। किसानों के उत्पाद की गुणवत्ता बढ़कर उसकी आय में बढ़ोतरी करेगा।
राष्ट्रीय मिशन उच्च उपज वाले बीज-वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार उच्च उपज वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन शुरू करेगी। इसका उद्देश्य अनुसंधान पारिस्थितिक तंत्र को मजबूत करना, उच्च उपज, किट प्रतिरोध और जलवायु लचीलापन वाले बीजों का लक्षित विकास और प्रसार करना और जुलाई 2024 से जारी 100 से अधिक बीज किस्म की व्यवसायिक उपलब्धता सुनिश्चित करना होगा।
समृद्धि ग्रामीण के अंतर्गत समृद्ध गांव और अनुकूल कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा। इसमें कौशल, तकनीकी और निवेश के माध्यम से रोजगार को बढ़ावा दिया जाएगा साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को अधिक बल मिलेगा। योजना के पहले चरण में 100 विकासशील कृषि जिलों को शामिल किया गया है कार्यक्रम खास तौर पर युवाओं, सीमांत, छोटे किसान, भूमिहीन परिवार और ग्रामीण महिलाओं पर केंद्रित होगा।
एमएसएमई के लिए लोन गारंटर कर 5 करोड़ से बढ़कर 10 करोड़, 1.5 लाख करोड़ तक का कर्ज दिया जाएगा। इसका लाभ केसीसी के दायरे में आने वाले लगभग 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और पशु पालकों को मिलेगा। छोटे किसानों के लिए बजट की है बड़ी घोषणा है।
कपास उत्पादकता मिशन के तहत कपास के पैदावार बढ़ाने के लिए 5 साल तक मिशन मोड पर काम होगा इससे देश के कपड़ा उद्योग को मजबूती मिलेगी। किसान की आमदनी बढ़ाने और परंपरागत कपड़ा क्षेत्र के लिए अच्छी कपास की आपूर्ति सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा।
यूरिया संयंत्र असम के नामरूप में सालाना 12.7 मेट्रिक टन क्षमता वाला नया यूरिया संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इस संयंत्र के साथ-साथ पूर्वी क्षेत्र में निष्क्रिय पड़ी इकाइयों में उत्पादन शुरू किया जाएगा, जिस देश में यूरिया की आपूर्ति को और अधिक बढ़ावा मिलेगा